नमो विचार मंच का एक और नया सांस्कृतिक प्रयास
अपने देश की संस्कृति जो हमेशा विश्व पटल पर सिरमौर रही है उसे पुनः स्थापित करने का हमेशा मेरा प्रयास रहता है| इसी क्रम में हमने यह निश्चय किया है कि इस देश की बेटियां ग्यारह हज़ार घरों में तुलसी के पौधे वितरित करेंगी| यह कार्य 24 जून 2018 (रविवार) को निर्जला एकादशी के दिन मात्र दो घंटे में संपन्न होगा| जिस हिन्दू संस्कृति को हमने विस्मृत कर दिया था, उसे पुनः जागृत करने का यह एक छोटा सा प्रयास है| इस अभियान का नाम ‘तुलसी मेरे आँगन की’ रखा गया है| शास्त्रों और आयुर्वेद के हिसाब से भी तुलसी का पौधा हमारे घर के लिए बहुत शुभकर है| इसे आँगन में लगाने की प्राचीन परम्परा भी रही है|
इस अभियान के माध्यम से हिंदुत्व के मान और सम्मान की बात होगी| इस अभियान से पर्यावरण संरक्षण की बात होगी| इस अभियान से मेरा देश एक उत्सव सा अनुभव करेगा| इस अभियान से बेटी बचाओ- बेटी पढाओ अभियान को भी बल मिलेगा| यह अभियान पिता और पुत्री के प्रेम के प्रतीक भी बनकर उभरेगा| यानी इस अभियान को अगर हम संस्कारों का एक अनूठा मिश्रण कहे तो गलत नहीं होगा|
यदि देखा जाए तो हमारा देश अपने हर सांस्कृतिक पहलू के अंदर असीम मार्गदर्शन को छूपाये हुए है| आज आवश्यकता इस बात की है कि हम उन आदर्शों को पुनः अपनी जीवन शैली में लेकर आयें| उन्हें इस तरह आत्मसात करें कि पूरी दुनिया के सामने हमारी संस्कृति गौरवान्वित हो सके| आज सम्पूर्ण विश्व हमसे तकनीक उधार लेकर नए अनुसंधान कर रहा है| फिर हम ही क्यों उनसे नहीं जुड़ पा रहे हैं? अपनी संस्कृति पर गर्व करें और विश्व को दिखा दें कि हम किसी से कम नहीं|